मार्किट में बन रहा है गधे की लीद से किचन मसाला, जानिए कैसे बनाया जा रहा है जनता को बेवकूफ़ - Everything Radhe Radhe

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Monday, 27 December 2021

मार्किट में बन रहा है गधे की लीद से किचन मसाला, जानिए कैसे बनाया जा रहा है जनता को बेवकूफ़

 मार्किट में बन रहा है गधे की लीद से किचन मसाला, जानिए कैसे बनाया जा रहा है जनता को बेवकूफ़



Bihar | अधिक धन कमाने के लालच में कई बार मिलावट खोर लोगों के स्वास्थ्य को भी खतरे में डाल देते हैं. यह खाने पीने की चीजों में मिलावट करके अधिक धन कमाने के लालच में उन चीजों को यूज करने वालों कि सेहत के साथ खिलवाड़ करते हैं. जिसकी वजह से यह मिलावट लोगों की गंभीर बीमारियां होने का कारण बनती है ऐसी ही एक फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ है जोकि नकली मसाले बनाकर ग्राहकों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रही थी. दरअसल यह फैक्ट्री मध्य प्रदेश के हाथरस जिले में स्थित थी. लेकिन इसमें लोगों को झटका देने वाली बात तो यह है कि इन मसालों को तैयार करने के लिए इनमें गधे की लीद, एसिड और ऐसे रंगों का प्रयोग किया जाता था जो खाने के लिए नहीं बने. यह फैक्ट्री इन नकली मसालों को तैयार कर विभिन्न कंपनियों के रैपर में डालकर बाजार में बेचने के लिए सप्लाई कर देती थी.

बता दे गधे की लीद और एसिड से नकली मसाले तैयार करने वाली इस फैक्टरी का खुलासा हाथरस की पुलिस ने किया है. बता दे हाथरस के नवीनपुर में चल रही नकली मसाले बनाने की इस फैक्ट्री पर एफडीए की टीम ने छापामारी की थी. छापामारी से यहां पर भारी मात्रा में नकली किचन मसाले तैयार करने का सामान भी बरामद किया गया. बता दे मिलावटी मसाले बनाने वाली इस फैक्ट्री के मालिक सह मंडल प्रभारी अनूप वार्ष्णेय थे जो कि इस छापेमारी के दौरान फैक्ट्री में मौजूद थे. मिलावटी मसाले बनाने का सामान मिलने के बाद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की मौजूदगी इस फैक्ट्री को सील कर दिया गया.







वही इस छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में नकली मसाले जैसे कि धनिया, लाल मिर्च, हल्दी, गरम मसाला भी बरामद हुआ है. खाद विभाग के अनुसार यह मिलावटी मसाला लोगों की सेहत के लिए काफी ज्यादा हानिकारक साबित हो सकता था. खासकर अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक इस मसाले का प्रयोग करें तो उसको स्वास्थ्य गंभीर रूप से खराब हो सकता था. अधिकारियों के मुताबिक इस छापेमारी के दौरान वहां से अलग-अलग मसाले ब्रांड के 3000 खाली पैकेट और 100 भरे हुए पैकेट बरामद हुए हैं. जब इस फैक्ट्री के मालिक अनूप वार्ष्णेय से विभिन्न ब्रांडों के लाइसेंस संबंधी कागज मांगे गए तो वह कोई भी कागजात मौके पर प्रस्तुत नहीं कर पाए

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