भारत के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने एक बार फिर विराट कोहली (Virat Kohli) का बचाव किया है. शास्त्री ने कहा कि कोहली के कप्तानी छोड़ने के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए. कोहली ने बल्लेबाजी पर फोकस करने के लिए कप्तानी छोड़ा है. कोहली 68 में से 40 टेस्ट जीतकर भारत के सफलतम टेस्ट कप्तान रहे लेकिन सीमित ओवरों के क्रिकेट में उनकी कप्तानी में भारतीय टीम कोई आईसीसी खिताब नहीं जीत सकी.
नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने विराट कोहली (Virat Kohli) पर बड़ा बयान दिया है. टी20 वर्ल्ड कप के बाद भारतीय क्रिकेट में शास्त्री-कोहली युग का अंत हुआ. शास्त्री के कोच पद से हटने के बाद विराट कोहली भी तीनों फार्मेट में कप्तान नहीं है. कोहली के कप्तानी छोड़ने के बाद कार्यवाहक कप्तान केएल राहुल (KL rahul) के साथ भारतीय टीम को वनडे सीरीज में 0-3 से पराजय झेलनी पड़ी. इसके पहले टेस्ट सीरीज में उसे 1-2 से पराजय मिली. कोहली मैदान पर आक्रामक हाव-भाव के लिए जाने जाते हैं लेकिन वनडे सीरीज में वह पहले की तरह नहीं दिखे. कोहली के बॉडी लैंग्वेज पर शास्त्री ने बड़ी बात कही है.
रवि शास्त्री से यह पूछने पर कि कप्तानी विवाद के बाद क्या विराट कोहली के शारीरिक हाव-भाव बदल गए हैं? शास्त्री ने कहा, ‘‘मैंने इस सीरीज की एक गेंद भी नहीं देखी लेकिन मुझे नहीं लगता कि विराट कोहली में बहुत बदलाव आयेगा. मैंने 7 साल बाद क्रिकेट से ब्रेक लिया है. एक बात तो तय है कि मैं सार्वजनिक तौर पर आपसी मतभेदों के बारे में बात नहीं करता. जिस दिन मेरा कार्यकाल समाप्त हुआ, उसी दिन से मैंने साफ कर दिया था कि मैं सार्वजनिक मंच पर अपने खिलाड़ियों के बारे में बात नहीं करूंगा.”
रवि शास्त्री ने किया कोहली का बचाव
कोहली 68 में से 40 टेस्ट जीतकर भारत के सफलतम टेस्ट कप्तान रहे लेकिन सीमित ओवरों के क्रिकेट में उनकी कप्तानी में भारतीय टीम कोई आईसीसी खिताब नहीं जीत सकी. शास्त्री ने कहा कि एक कप्तान का आकलन इस आधार पर नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘कई बड़े खिलाड़ियों ने विश्व कप नहीं जीता. इससे क्या हुआ. सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले ने भी नहीं जीता तो क्या उन्हें खराब खिलाड़ी कहेंगे.’’शास्त्री ने आगे कहा, ‘‘हमारे पास कितने विश्व कप विजेता कप्तान हैं. सचिन तेंदुलकर ने छह विश्व कप खेलने के बाद जीता. आखिर में आपका आकलन आपके खेल और खेल के दूत के रूप में भूमिका से होता है. आपने कितनी ईमानदारी से खेला और कितने लंबे समय तक खेला.’’ कप्तानी के मसले पर बीसीसीआई से कोहली की ठनने के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘संवाद महत्वपूर्ण है. मुझे नहीं पता कि उनके बीच क्या बात हुई. मैं उसका हिस्सा नहीं था. दोनों पक्षों से बात किए बिना मैं कुछ नहीं कह सकता. सूचना के अभाव में मुंह बंद रखना ही अच्छा होता है.”
कोहली 68 में से 40 टेस्ट जीतकर भारत के सफलतम टेस्ट कप्तान रहे लेकिन सीमित ओवरों के क्रिकेट में उनकी कप्तानी में भारतीय टीम कोई आईसीसी खिताब नहीं जीत सकी. शास्त्री ने कहा कि एक कप्तान का आकलन इस आधार पर नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘कई बड़े खिलाड़ियों ने विश्व कप नहीं जीता. इससे क्या हुआ. सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले ने भी नहीं जीता तो क्या उन्हें खराब खिलाड़ी कहेंगे.’’शास्त्री ने आगे कहा, ‘‘हमारे पास कितने विश्व कप विजेता कप्तान हैं. सचिन तेंदुलकर ने छह विश्व कप खेलने के बाद जीता. आखिर में आपका आकलन आपके खेल और खेल के दूत के रूप में भूमिका से होता है. आपने कितनी ईमानदारी से खेला और कितने लंबे समय तक खेला.’’ कप्तानी के मसले पर बीसीसीआई से कोहली की ठनने के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘संवाद महत्वपूर्ण है. मुझे नहीं पता कि उनके बीच क्या बात हुई. मैं उसका हिस्सा नहीं था. दोनों पक्षों से बात किए बिना मैं कुछ नहीं कह सकता. सूचना के अभाव में मुंह बंद रखना ही अच्छा होता है.”
कोहली के फैसले का सम्मान करना चाहिए: शास्त्री
कोहली ने टेस्ट सीरीज में हार के एक दिन बाद टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया. शास्त्री ने कहा कि यह व्यक्तिगत निर्णय है और ऐसे फैसलों का सम्मान किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘यह उसका फैसला है. उसके फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए. हर चीज का एक समय होता है. अतीत में भी कई बड़े खिलाड़ियों ने अपनी बल्लेबाजी पर फोकस करने के लिए कप्तानी छोड़ी है. चाहे सचिन तेंदुलकर हों, सुनील गावस्कर या एमएस धोनी और अब विराट कोहली.’’
कोहली ने टेस्ट सीरीज में हार के एक दिन बाद टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया. शास्त्री ने कहा कि यह व्यक्तिगत निर्णय है और ऐसे फैसलों का सम्मान किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘यह उसका फैसला है. उसके फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए. हर चीज का एक समय होता है. अतीत में भी कई बड़े खिलाड़ियों ने अपनी बल्लेबाजी पर फोकस करने के लिए कप्तानी छोड़ी है. चाहे सचिन तेंदुलकर हों, सुनील गावस्कर या एमएस धोनी और अब विराट कोहली.’’
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