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Tuesday, 25 January 2022

दिल्ली की राह पर हिमाचल? CM जयराम की घोषणा, इतने यूनिट तक फ्री मिलेगी बिजली, नहीं आएगा बिल

 


Electricity rates in Himachal: हिमाचल में इससे पहले, बिजली उपभोक्ताओं के लिए तीन स्लैब तय किए गए थे. 125 यूनिट प्रति महीना बिजली खर्च करने वालों के लिए 1.90 पैसे बिल चुकता करना होता था. किन अब इसमें कटौती की गी है. 125 से 300 यूनिट के लिए 3.95 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बिल आता था और 500 यूनिट से अधिक खर्च पर 5 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिल बनता था.


शिमला. दिल्ली में आम आदमी की सरकार का फ्री बिजली देने की योजना का हिमाचल प्रदेश में भी असर देखने को मिलेगा. हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यत्व दिवस पर सीएम जयराम ठाकुर ने भी प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली देने का एलान किया है. हालांकि, इसके लिए शर्तें और नियम लागू रहेंगे.

सोलन में राज्यस्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के कमजोर वर्ग के लोगों के लिए मुफ्त बिजली और किसानों को राहत देने की घोषणा की. सीएम ने कहा कि जो घरेलू उपभोक्ता मात्र 60 यूनिट बिजली प्रतिमाह उपयोग करते है, उन्हें अब कोई बिजली शुल्क नहीं देना होगा. इसके साथ ही जो उपभोक्ता 125 यूनिट बिजली उपयोग करते हैं उन्हें अब एक रुपए 90 पैसे की जगह एक रुपए प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होगा. साथ ही राज्य के किसानों के लिए प्रति यूनिट 50 पैसे की दर को घटाकर अब 30 पैसे प्रति यूनिट करने का भी ऐलान भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किया है.
पहले क्या थी दरें
हिमाचल में इससे पहले, बिजली उपभोक्ताओं के लिए तीन स्लैब तय किए गए थे. 125 यूनिट प्रति महीना बिजली खर्च करने वालों के लिए 1.90 पैसे बिल चुकता करना होता था. किन अब इसमें कटौती की गी है. 125 से 300 यूनिट के लिए 3.95 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बिल आता था और 500 यूनिट से अधिक खर्च पर 5 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिल बनता था. वहीं, प्रीपेड मीटर पर करीब चार रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिल निर्धारण होता था. अब सरकार नए स्लैब के हिसाल से बिजली उपभोक्ताओं को राहत देगी.

इससे करीब 11 लाख उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी. हालांकि, हाल ही में बिजली बोर्ड ने सरकार को बिजली दर्रें बढ़ाने का प्रस्ताव भी भेजा है. अब देखना होगा कि सूबे में बिजली दर्रें बढ़ेंगी या नहीं. बिजली बोर्ड प्रबंधन ने प्रदेश में बिजली दरों को दस से बारह फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. इसके लिए बोर्ड ने विद्युत नियामक आयोग में याचिका भी दायर की थी. इसमें 270 करोड़ रुपये से अधिक के घाटे का हवाला दिया गया था.

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