मंधना से अनवरगंज तक फर्रुखाबाद लाइन पर आने वाली रेलवे लाइन को हटाए जाने को लेकर एक बार फिर से व्यापारी एकजुट है। रेलवे लाइन हटाए जाने की मांग को लेकर व्यापारियों ने रविवार कानपुर देहात अकबरपुर से सांसद देवेंद्र सिंह भोले को ज्ञापन सौंपा। कारोबारियों ने उन्हें रेलवे लाइन की वजह से लगने वाले जाम और उससे होने वाली समस्याओं के बारे में अवगत कराया। सांसद ने व्यापारियों के प्रतिनिधि मंडल को रेल मंत्री से मिलवाने की बात कही। साथ ही आश्वासन दिया कि वह एक बार फिर संसद में इस मसले को उठाएंगे। व्यापारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि इस रेलवे लाइन के स्थानांतरित होने तक ये मुहिम और आंदोलन जारी रहेगा।
महानगर में पड़ती है 18 क्रासिंग, जाम से चौपट कारोबार,
समिति के महासचिव व गुमटी न 5 व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजे गुप्ता ने कहा कि इस रेलवे लाइन के 18 क्रॉसिंगों के बन्द होने के दौरान क्रॉसिंगों में लगने वाले जाम की वजह कल्यानपुर, गुमटी, जरीबचौकी, 80 फ़ीट रोड सहित कई बाज़ारो का व्यापार बुरी तरह प्रभावित होता है। इस रेलवे लाइन में विकराल जाम लगने से व्यापारियों के साथ साथ आम जनता भी प्रभावित होती है। इसकी बजह से खरीददार इन बाजारों से किनारा कर चुके है। रेलवे लाइन का हटना ही विकराल जाम से बचने का समाधान है।
सर्वे में रेलवे लाइन हटाना ही विकल्प,
वर्षो से व्यापारियों की जो रही शिकायत पर रेलवे सहित 5 विभागों में अलग-अलग सर्वे कराए हैं। जिसमें पाया है, कि है रेलवे लाइन महानगर में जाम का मुख्य कारण है। अभी पांच सरकारी विभागों के सर्वे में स्पष्ट हो चुका है, कि अब इस रेलवे लाइन के हटने के अलावा कोई विकल्प नही है इसलिए इसका जल्द हटना ज़रूरी है।
जाम में फंसती है एम्बुलेन्स,
समिति के वरिष्ठ सह संयोजक व भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष सरदार गुरजिंदर सिंह ने कहा कि इस रेलवे लाइन की 18 क्रॉसिंगों के बन्द होने के दौरान हर रोज एम्बुलेन्स फंसती है। कई मरीजों की मौत भी हो चुकी है। स्कूल की छात्र छात्राएं भी परेशान होती है। इसलिए इस रेलवे लाइन का हटना ही इस जाम से निजात का एकमात्र विकल्प है। इस रेलवे लाईन के मध्य 18 क्रॉसिंगों के बन्द होने से विकराल जाम लगने की स्थिति में सभी वर्ग परेशान है।
सांसद देवेंद्र सिंह भोले संसद में उठायेंगे मामला,
कानपुर देहात के सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने व्यापारियों की समस्याओं को गंभीरता से सुना उन्होंने व्यापारियों को केंद्रीय रेल मंत्री से इसी सत्र में मिलवाने का आश्वासन दिया। साथ ही इस मामले को एक बार फिर से इसी संसद सत्र में उठाने जाने की बात भी कहीं।
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