बिहार के खेल और खिलाड़ियों के दिन सुधरने वाले हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने तैयारी कर ली है। आने वाले दो से चार साल में भारत की टीम बिहार का भी खिलाड़ी दिख सकता है। बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के एडीजी एस रविंद्रण ने बताया अब ओलंपिक में बिहार से भी टीम भाग ले इसके लिए सारी रुपरेखा तैयार हो चुकी है। दो-चार साल में यह दिखने लगेगा। उन्होंने बताया कि हमखेल को आंदोलन का रूप देने वाले हैं।
राज्य के खिलाड़ी दो-चार साल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मैडल जीत सके इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है। इसको लेकर भागलपुर आया था। खेल में बिहार का खिलाड़ी शामिल होंगे। भारत का अंतरराष्ट्रीय स्तर की टीम जब भी बनेगी उसमें बिहार के खिलाड़ी शामिल होंगे। बॉलीवॉल के लिए दो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा। इसमें भागलपुर भी शामिल है।
बॉलीवॉल में लड़कियों और लड़कों के लिए बनेगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
खेल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए योजना बना रहे हैं। बॉलीवॉल में लड़कियों और लड़कों के लिए दो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की योजना है। बॉलीवॉल में भागलपुर, बेगुसराय और छपरा तीनों नामी है। इन तीन जिला में किसी दो जिला में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा। इसको बनाने मंें समय लगेगा। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में भागलपुर भी शामिल है। इसमें खिलाड़ियों को सारी सुविधाएं मिलेंगी।
अगले सप्ताह बॉलीवॉल के भीष्म पितामाह श्रीधरण आएंगे बिहार
बॉलीवॉल के भीष्मपिता श्रीधरण से अनुरोध कर चुका हूं कि वह आग्ले सप्ताह बिहार आर हे हैं बिहार। वह बच्चियों को खेलते देखेगें। वह जिन बच्चों को सिलेक्ट करेंगे उनको बिहार से और देश से बाहर ट्रेनिंग के लिए भेजेंगे। बिहार के सभी लोगों को एक साथ आना होगा। तब ही खेल का विकास होगा।
13 निगम एक-एक खले को लेंगे गोद, करेंगे सारी व्यवस्था
खेल को बढ़ावा देने के लिए पैसे की जरूरत होगी। बिहार में 13 निगम है। हर निगम एक-एक गेम को गोद लेंगे। कौन सा निगम किस खेल को गोद लेंगे इसका निर्णय हो गया है। निगम और सीएसआर उसको फंडिंग करेंगे। खेल कोटा से जिन विभाग से बहाल हुए हैं। उनको खेल प्राधिकरण के अंदर लाकर सिर्फ खेल का काम करेंगे। अब वह सरकारी कार्यालय में फाइल का काम नहीं करके मैदान में खिलाड़ियों के साथ दिखेंगे। उनकी नियुक्ति खेल को बढ़ावा देने के लिए हुई थी। अब वह वहीं काम करेंगे।
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