फिर चर्चा में सोना उगलने वाली जमीन:खेत में खुदाई के दौरान मिला 5 किलो का बेलनाकार का पत्थर; प्राचीन सभ्यता से जोड़कर देख रहा पुरातत्व विभाग - Everything Radhe Radhe

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Monday, 28 March 2022

फिर चर्चा में सोना उगलने वाली जमीन:खेत में खुदाई के दौरान मिला 5 किलो का बेलनाकार का पत्थर; प्राचीन सभ्यता से जोड़कर देख रहा पुरातत्व विभाग

 सोने के सिक्के निकलने के बाद बक्सर का गिरधर बरांव गांव एक बार फिर चर्चा में हैं। 20 मार्च को जिस जमीन में एक महिला को सोने के तीन प्राचीन सिक्के मिले थे, वहां खुदाई के दौरान कुछ ऐसी चीजें मिली, जिसने लोगों की उत्सुकता को और बढ़ा दिया है। यहां पुरातत्व विभाग ने 15 स्क्वायर मीटर के दायरे में खुदाई कराई। जहां 5 किलो का बेलनाकार का पत्थर और कुछ कंकड़ मिले। पुरातत्व विभाग के अधिकारी इसे महत्वपूर्ण साक्ष्य मानते हुए अपने साथ ले गए हैं। खेत पर अब भी पुलिस का पहरा है।

वहीं, सोनवर्षा ओपी पहुंचकर अधिकारियों ने तीनों सिक्कों को भी पुलिस से हैंडओवर ले लिया है। पुरातत्व अधिकारी डॉ. हर्ष रंजन कुमार ने बताया कि यहां मिले सोने के सिक्के और पत्थर काफी प्राचीन हैं। तीन-चार दिनों तक इसका अध्ययन कर अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपेंगे। इसके बाद ही जांच की अगली दिशा तय होगी। पुरातत्व अधिकारी की मानें तो यहां से प्राचीन सभ्यता की कई अहम जानकारियां मिल सकती है।






खास बात यह है कि इस खेत में करीब 10 साल पहले भी 5 किलो ग्राम का बिल्कुल ऐसा ही एक और पत्थर मिल चुका है। ग्रामीणों के अनुसार, खेत में काम करने के दौरान सुमेरु पाल को यह पत्थर मिला था, जिसे वह अनाज तौलने के लिए बाट के रूप में प्रयोग करता था। सुमेरु पाल ने बताया कि इसी खेत में काम करने के दौरान कुदाल से मिट्टी हटाने पर बेलन आकर का पत्थर मिला था।

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पटना से पहुंचे अधिकारी डॉ. हर्ष रंजन ने ग्रामीणों से कहा कि अगर इस जमीन से आगे भी कुछ अजीबो गरीब चीज बरामद होती है तो उसे तुरंत प्रशासन को सौंप दें। माना जा रहा है कि यह पत्थर सिंधु सभ्यता कालीन है। इधर, क्षेत्रीय लोगों में यहां के प्राचीन इतिहास को जानने को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है।

जानकार बताते हैं कि केसठ में प्राचीन काल में चेरो खरवारों का काफी समृद्ध साम्राज्य था। सोने के सिक्के मिलने के बाद लोग इसे चेरो खरवारो के काल से भी जोड़ कर देख रहे थे। सिक्कों को इस वंश के चर्चित केशवा राज कालीन बताया जा रहा था। लेकिन अब सैंधव सभ्यता कालीन पत्थर मिलने से यहां की संस्कृति चेरो खरवार के शासन से भी बहुत पुरानी मानी जा रही है।

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