पटना की नाबालिग को बनारस से फरीदाबाद भिजवाने वाली जय प्रकाश नगर के रोड नंबर 5 की रहने वाली प्रियंका को पटना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मंगलवार को उसे जेल भी भेज दिया। राजीव नगर के थानेदार नीरज ने इसकी पुष्टि की। गैंगरेप पीड़िता ने प्रियंका को दोषी बताया था। सोमवार को कंप्लेन मिलने के कुछ घंटे के बाद ही पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया था। जेल भेजने से पहले पुलिस ने प्रियंका से पूछताछ भी की। उससे फरीदाबाद में रहने वाले बाबा के बारे में कुछ क्लू भी मिला है।
इस पूरे प्रकरण में सबसे बड़ी बात यह है कि थाने में होने के बाद भी प्रियंका पीड़िता को धमकी दे रही थी। जब कोई पुलिस अफसर आसपास नहीं होता था तो मौके का फायदा उठा वो पीड़िता पर जबरन केस वापस लेने के लिए दबाव बना रही थी। उसका राजीव नगर थाना की एक महिला कांस्टेबल भी साथ दे रही थी। पीड़िता ने बताया, 'हमको उन लोगों ने डराया कि तुम मेडिकल जांच कराओगी तो ये लोग तुमको फंसा देंगे। बार-बार कह रहे थे कि मेडिकल टेस्ट मत कराओ। केस तुम बंद करवाओ। बोलो की हमको केस नहीं करना है। प्रियंका हमको तब डरा रही थी, जब हम राजीव नगर थाना में थे। महिला कांस्टेबल क रही थी कि तुम क्यों गई थी? तुम धंधा करती हो तब न गई थी?' इनकी धमकी के बाद पीड़ता मेडिकल टेस्ट कराने से बच रही थी। साथ ही महिला थाना में हुए 161 के बयान के दौरान वो कुछ बोल नहीं पा रही थी।
8 साल के भाई को घंटों अपने कब्जे में रखा
प्रियंका और उसके लोगों की हरकतों से पीड़िता और उसका पूरा परिवार डरा हुआ है। सूत्रों के जरिए यह बात सामने आई है कि प्रियंका को इस बात का एहसास हो चुका था कि वो इस बार बचने वाली नहीं है। गंदे काम करने वाला उसका भेद सबके सामने खुल जाएगा। इसलिए उसने पूरी कोशिश थी कि पीड़िता अपनी कंप्लेन लेकर पुलिस के पास नहीं जाए।
सूत्र बताते हैं कि सोमवार को प्रियंका सीधे पीड़िता के घर पहुंच गई थी। उसके 8 साल के भाई को अपने कब्जे में रखा। वो 4-5 घंटे तक उसके घर रही। छोटे भाई पर दबाव बनाया और उससे कहा कि बहन को बुलाओ। उसे कहो कि थाना मत जाओ और केस नहीं करो। बावजूद इसके पीड़िता थाना भी गई और केस भी किया।
बाबा से दोबारा मिलनवाने की बात सुन डर गई थी नाबालिग
यह केस अभी सामने आने वाला नहीं था। मगर, इसके सामने आने की एक बड़ी वजह है। दरअसल, पीड़िता के साथ फरीदाबाद में पूजा के नाम पर 1 से 3 मार्च के बीच गैंग रप हुआ था। इस बात को कई दिन बीत चुके थे। पीड़िता अंदर से डरी हुई थी। वो तब और डर गई, जब 2-3 दिन पहले प्रियंका उससे पटना में मिली।
पीड़िता के अनुसार, उसे फिर से रुपयों को प्रलोभन दिया। कहा कि जो काम उस वक्त नहीं हो पाया, वो अब होगा। तुम अभी चलो बनारस। वहां बाबा से मिलवाते हैं। यह बात सुनकर वो काफी डर गई थी। उसने ठान लिया था कि अब इसके झांसे में नहीं आना है।
रुपयों वाला वीडियो का मामला किया साफ
कमरे के अंदर बेड पर पड़ी बगैर कपड़ों की एक लड़की और उस पर नोटों की गड्डी की हो रही बारिश वाले वीडियो का राज भी अब पूरी तरह से साफ हो चुका है। पीड़िता के मुताबिक, उस वीडियो में वो नहीं है। वीडियो फरीदाबाद में बाबा के ठिकाने का है। उस वीडियो में दिख रही लड़की कोई और है। बाबा के पास जब दोबारा उसे ले जाने की बात हुई तो उसी दरम्यान 3 दिन पहले बनारस के रहने वाले प्रशांत ने यह वीडियो उसे मोबाइल पर भेजा था। पीड़िता का दावा है कि यही वीडियो दिखाकर भोली-भाली और गरीब परिवार की लड़किसों को झांसा दिया जाता है।
सेक्स रैकेट और ह्यूमन ट्रैफिकिंग के प्वाइंट पर होगी जांच
थानेदार के अनुसार, 161 के तहत पीड़िता का बयान दर्ज कराने के साथ ही गर्दनीबाग के सरकारी हॉस्पिटल में उसका मेडिकल टेस्ट करा दिया गया है। अब बुधवार को उसका कोर्ट में CRPC की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया जाएगा। पुलिस अब इस केस की जांच सेक्स रैकेट और ह्यूमन ट्रैफिकिंग के प्वाइंट पर करेगी।
हालांकि, पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती बनारस के प्रशांत, उसके साथ 28 फरवरी को पीड़िता व उसके दोस्त को लेकर फरीदाबाद जाने वाले सारे लोग और बाबा की पहचान करना है। थानेदार के अनुसार मामला दूसरे राज्य से जुड़ा है। इसलिए सीनियर पुलिस अधिकारियों से बात कर एक स्पेशल टीम बनाई जाएगी और फिर आगे की जांच होगी। इसके लिए टीम बाहर भी जाएगी।
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