यूपी के CM योगी के ‘बुलडोजर बाबा’ स्टाइल में 25 मार्च को मध्यप्रदेश के छतरपुर में CM शिवराज के ‘मामा बुलडोजर’ ने माफिया शहजाद खान के मकान को ढहा दिया। उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक जीत के बाद अब भाजपा ‘बुलडोजर मंत्र’ को मध्यप्रदेश में लेकर आ गई है।
शिवराज सिंह चौहान को ‘बुलडोजर मामा’ के नाम से प्रमोट किया जा रहा है। इसके लिए भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने होर्डिंग तक लगा दी है। 2023 में मप्र में चुनाव होने हैं। लिहाजा बुलडोजर अब यहां भी चुनाव प्रचार का हिस्सा बनता दिख रहा है।
तो आज के भास्कर इंडेप्थ में जानिए कि जिस बुलडोजर की आप इतनी चर्चा सुन रहे हैं, हर रोज उससे बड़ी-बड़ी इमारतों को ढहाते, पुल-फ्लाईओवर को बनते भी देखते हैं। उस बुलडोजर की हिस्ट्री क्या है? कैसे ये चलन में आया? किसने इसकी खोज की? इसकी मार्केट वैल्यू कितनी है?
बुलडोजर क्या है?
बुलडोजर अंग्रेजी के दो शब्द बुल और डोजर से मिलकर बना है। डोजर का मतलब है, एक ऐसा ट्रैक्टर, जिसमें चौड़ा ब्लेड लगा होता है। बुल-डोजिंग का मतलब जबरदस्ती करना या डराना भी होता है। 19वीं सदी के अंत में बुलडोजिंग का मतलब किसी बाधा को पार करना था। चाहे वो तरीका बेहद क्रूर ही क्यों न हो। मशीनों के मामले में इसका मतलब जबरदस्त ताकत से किसी काम को करना है।
नाले की सफाई से लेकर खुदाई और जमीन समतल करने से लेकर सड़क निर्माण तक में बुलडोजर का इस्तेमाल होता है। बर्फीले इलाकों में इससे रास्ते की बर्फ और लैंड-स्लाइड होने पर चट्टानों को हटाया जाता है। बुलडोजर उबड़-खाबड़ इलाकों में भी चलता है। इसके पहिए में लड़ाकू टैंक की तरह चेन की पट्टी टाइप का ट्रैकर लगा होता है। इसकी वजह से ये जमीन में धंसता नहीं है।
बुलडोजर की हिस्ट्री
18वीं सदी में भी किसान लकड़ी के बने बुलडोजर को खेती के लिए इस्तेमाल करते थे। दो पहियों के साथ इसमें आगे की तरफ एक चौड़ी पट्टी के आकार में ब्लेड लगा होता था. जो मोटर से चलता था। पहले किसान खच्चर या घोड़े की मदद से इसका इस्तेमाल अपनी खेती की जमीन को समतल करने में करते थे।
मशीनी बुलडोजर का आविष्कार 1904 में अमेरिकी इन्वेंटर बेंजामिन होल्ट ने किया था। यह स्टीम इंजन से चलने वाला क्रॉलर ट्रेड टैक्टर था। उसी समय इंग्लैंड की हॉर्नस्बी कंपनी ने भी एक बुलडोजर बनाया था।
प्रथम विश्व युद्ध 1914-18 में होल्ट क्रॉलर ट्रैक्टरों का इस्तेमाल अमेरिकी और ब्रिटिश, दोनों सेनाओं ने भारी तोपखाने और सामानों को ढोने में किया था। इसका इस्तेमाल ऐसे वक्त में किया गया था, जब कोई अन्य वाहन कीचड़ में नहीं संभाला जा सकता था। 1916 में ब्रिटिश सेना ने सबसे पहले युद्ध में इसका इस्तेमाल किया था।
दावा ये भी किया जाता है कि आधुनिक बुलडोजर के आविष्कार का श्रेय कैनसस के किसान जेम्स कमिंग्स और ड्राफ्ट्समैन जे. अर्ल मैकलियोड को है। दरअसल, उन्होंने 1923 में एक धारदार, खुरचनी ब्लेड बनाई थी। "खुरचनी ब्लेड" को ट्रैक्टर के आगे की ओर लगाया गया था। यह ट्रैक्टर के किनारे से दोनों तरफ से जुड़ी हुई थी।
सेकेंड वर्ल्ड वॉर में भी बुलडोजर का उपयोग हाईवे, रनवे और किलेबंदी के निर्माण के लिए किया गया था। US के एडमिरल विलियम हैल्सी ने कहा था कि चार चीजें, जिन्होंने प्रशांत क्षेत्र में युद्ध जीतने में मदद की, वो हवाई जहाज, टैंक, पनडुब्बी और बुलडोजर थे।
JCB की कहानी
2021 में JCB पर खड़े होकर फिल्म एक्ट्रेस सनी लियोनी ने एक फोटो खिंचवाई थी जो खूब वायरल हुई थी। इसके बाद ‘JCB की खुदाई’ हैशटैग ने सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड किया, लेकिन क्या आप जानते हैं कि JCB क्या है, जिसे बोलते ही हम बुलडोजर समझ बैठते हैं? इसका नाम कैसे पड़ा? इसकी स्थापना किसने की?
बुलडोजर बनाने वाली कुछ फेमस कंपनियां
कैटरपिलर बुलडोजर
कैटरपिलर जमीन पर रेंगने वाले एक कीड़े का नाम है। यही सोचकर सी. एल. बेस्ट ने अपनी कंपनी का नाम कैटरपिलर रखा था। 1925 में इसकी स्थापना की गई। दुनियाभर में इसकी 110 से ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी हैं और यह अलग-अलग तरह के 24 प्रकार के व्हीकल्स बनाती है। कंपनी का शॉर्ट फॉर्म CAT है।
लिबहेर ग्रुप
स्विस कंपनी लिबहेर ग्रुप को Hans Liebherr ने 1949 में स्थापित किया था। इस कंपनी ने पहले हवाई जहाज के पार्ट और टावर क्रेन का निर्माण शुरू किया था। फिर उसके बाद कंपनी ने खुदाई और खनन करने वाली बुलडोजर मशीनें बनानी शुरू कर दीं।
कोमात्सु
कोमात्सु की स्थापना 1917 में जापान में की गई थी। जापान के होकुरिकु क्षेत्र में कोमात्सु शहर है। उसी के नाम पर कंपनी का नाम रखा गया था। कोमात्सु का अंग्रेजी में मतलब छोटा पाइन ट्री होता है। बाद में 1970 में ये कंपनी उत्तरी अमेरिका में शिफ्ट हो गई।
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