राष्ट्रीय जनता दल के ने आरोप लगाया है कि स्थानीय निकाय से होने वाले बिहार विधान परिषद के सदस्यों के चुनाव को प्रभावित करने के लिए सरकार द्वारा लगातार आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है और चुनाव आयोग मूकदर्शक बना हुआ है। उन्होंने कहा कि 2 मार्च से ही राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है, इसके बावजूद राज्य सरकार द्वारा चुनाव प्रक्रिया प्रभावित करने वाले कई ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं, जिसका उद्देश्य एनडीए उम्मीदवारों को नाजायज तरीके से लाभ पहुंचाना है।
प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि पहले पंचायत समिति का कार्यपालक पदाधिकारी बीडीओ हुआ करता था। एनडीए सरकार ने पंचायत समिति के अधिकारों को सीमित करने के लिए पंचायत राज अधिनियम में संशोधन कर प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी को पंचायत समिति का कार्यपालक पदाधिकारी बना दिया था। अब सरकार के पंचायती राज विभाग के नए आदेश ( पत्रांक 2808/24-3-2022 ) द्वारा बीडीओ को ही पुनः पंचायत समिति का कार्यपालक पदाधिकारी सह निकासी सह व्ययन पदाधिकारी बना दिया गया है। चूंकि विधान परिषद चुनाव के पीठासीन पदाधिकारी बीडीओ ही होते हैं, इसलिए चुनाव प्रभावित करने के लिए ही आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए सरकार द्वारा यह आदेश जारी किया गया है।
आचार संहिता के बावजूद अनमंडल पदाधिकारियों का स्थानांतरण
राजद प्रवक्ता ने कहा कि इसके पूर्व भी गत 7 मार्च को कई अनुमंडल पदाधिकारीयों का स्थानांतरण कर दिया गया था। जबकि राज्य में गत 2 मार्च को हीं आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो चुकी है । इस चुनाव में सहायक चुनाव पदाधिकारी के रूप में अनुमंडल पदाधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
मंत्री पर चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का आरोप
चित्तरंजन गगन ने कहा कि सरकार द्वारा लगातार आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है और चुनाव आयोग मूकदर्शक बना हुआ है। कोशी निर्वाचन क्षेत्र से एक मंत्री की पत्नी एनडीए की उम्मीदवार हैं और मंत्री जी खुलेआम आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। ऐसी ही शिकायत कई अन्य क्षेत्रों से आ रही है जहां मंत्री सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग कर रहे हैं और आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं और चुनाव आयोग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
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