लखनऊ स्थित डॉ. एमसी सक्सेना कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के चेयरमैन डॉ. एमसी सक्सेना समेत पांच लोगों को पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इनके खिलाफ कालेज में अवैध तरीके से मरीजों को भर्ती कर इलाज करने का आरोप है।
वहीं पुलिस के कई बार रिमाइंडर देने के बाद भी सीएमओ दफ्तर और श्रम विभाग की तरफ से अस्पताल परिसर में सर्च अभियान चलाने के लिए गवाह नहीं मिले। जबकि सोमवार को मौके से गिरफ्तार चेयरमैन के बेटे लव शेखर सक्सेना को लचर कार्रवाई और पैरवी के चलते हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। जो एक बार फिर इस कॉलेज के काले कारोबार में कई प्रशासनिक स्तर और मेडिकल विभाग के अफसरों की मिली भगत की तरफ इशारा कर रही है। इसका ही नतीजा है कि अस्पताल की लाइसेंस रद्द होने के बाद भी यहां इलाज चल रहा था।
सर्च आपरेशन से पहले मुख्य आरोपी की जमानत, पुलिस के हाथ खाली
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने मेडिकल कॉलेज की मान्यता लेने के लिए मजदूरों को बिना बीमारी अस्पताल में भर्ती कर फर्जी इलाज करने के मामले में आरोपी लव शेखर को जमानत दे दी। जबकि पुलिस पिछले 15 दिनों से अस्पताल परिसर के सर्च वारंट जारी होने के बाद भी सर्च अभियान गवाहों के न मिलने से चला पाई है।
ठाकुरगंज पुलिस के मुताबिक सर्च अभियान के लिए सीएमओ ऑफिस, श्रम विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों को इसके लिए कई बार पत्राचार किया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया। दूसरी तरफ आरोपी की जमानत होने और संस्था के चेयरमैन एमसी अग्रवाल समेत पांच लोगों के एनबीडब्ल्यू जारी होने के बाद भी गिरफ्तारी ने पूरी प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर शुरू से ही स्वास्थ्य विभाग इस कार्रवाई में हीलाहवाली क्यों कर रहा है, इस पर कोई भी स्वास्थ्य विभाग का अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। वहीं पुलिस का कहना है कि बिना स्वास्थ्य विभाग की टीम सर्च अभियान नहीं चलाया जा सकता। वहां पर स्वास्थ्य विभाग का ताला पड़ा हुआ है। वहीं अन्य आरोपियों की तलाश में लगातार दबिश दी जा रही है।
एमसी सक्सेना समेत पांच के खिलाफ जारी हो चुका है एनबीडब्ल्यू
लखनऊ स्थित डॉ. एमसी सक्सेना कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज से सम्बद्ध आरआर सिन्हा मेमोरियल अस्पताल की मान्यता के नाम पर खेल में चेयरमैन डॉ. एमसी सक्सेना समेत पांच लोगों के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी हो चुका है। जिसमें डॉ. एमसी सक्सेना की बहू, दो बेटी और पत्नी शामिल है। पुलिस की पांच टीम इनकी तलाश में जुटी है। इनके खिलाफ नोटिस के बाद भी बयान के लिए थाने पर हाजिर न होने पर कोर्ट से एनबीडब्ल्यू जारी किया था।
MBBS की मान्यता के लिए मजदूरों को बंधक बना किया जा रहा था इलाज
लखनऊ ठाकुरगंज थाना पुलिस ने आठ फरवरी को डॉ. आरआर सिन्हा मेमोरियल अस्पताल में मान्याता के लिए मजदूरों को बंधक बनाकर इलाज करने का खुलासा किया था। साथ ही मौके से डॉ. एमसी सक्सेना कॉलेज के एडमिनिस्ट्रेटिव हेड लव शेखर को गिरफ्तार किया। बताते चले कि मेडिकल कॉलेज की मान्यता के मानक पूरा करने के लिए डॉ. एमसी सक्सेना कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज में दिहाड़ी मजदूरों को बंधक बनाकर उन्हें मरीज के तौर पर भर्ती किया गया था।
ठाकुरगंज पुलिस ने मजदूर अंशू की तहरीर पर कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। वहीं सीआरपीसी की धारा 91 के तहत कॉलेज प्रबंधन को मामले से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे।
No comments:
Post a Comment