8 सालों के बाद भारत-नेपाल के बीच रेल सेवा आज से शुरू हो गई। साथ ही आज की तारीख दोनों देशों के इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गई। दोपहर 12:30 बजे जयनगर से चली ट्रेन 2:30 बजे जनकपुर पहुंच गई।
शनिवार दोपहर 12:30 बजे पीएम नरेंद्र मोदी और नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा ने दिल्ली के हैदराबाद हाउस से हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया था। इससे पूर्व दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने बैठक भी की। हालांकि, यात्रियों के लिए रेल सेवा कल यानी 3 अप्रैल से शुरू होगी।
भारत-नेपाल रेल की शुरुआत, स्टेशन पर जुटे हजारों लोग
स्टेशन व हॉल्ट के बीच दूरियां
जयनगर से इनरबा 4 किमी, एनरबा से खजुली 4.6 किमी, खजुली से महिनाथपुर (हॉल्ट) 6.9 किमी, महिनाथपुर से वेदही 4.4 किमी, वेदही से परवाहा (हॉल्ट) 3.07 किमी, परवाहा से जनकपुर (हॉल्ट) 7.9 किमी व जनकपुर से कुर्था 5.4 किमी है।
2014 में बंद हुई थी भारत-नेपाल रेल सेवा
2014 से जयनगर-जनकपुर के बीच ट्रेनों का परिचालन बंद रहा। 2014 तक नेपाली नैरो गेज ट्रेन चली, लेकिन ट्रेनों का सफर काफी लंबा होने की वजह से कोयले की खपत ज्यादा होती थी। कोयले से चलने वाली ट्रेन काफी छोटी होती थी। इसकी वजह से लोग खिड़की और दरवाजों पर लटक कर सफर करते थे।ऐसे ही कई कारणों की वजह से ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया था।
लगभग 800 करोड़ की लागत से हुआ निर्माण
भारत-नेपाल के बीच बनी इस रेलवे लाइन के निर्माण में करीब 800 करोड़ रुपए की लागत आई है। जहां जयनगर से बीजलपुरा और बर्दिबास तक 69.08 किलोमीटर परियोजना के अंर्तगत पहले चरण में करीब 34.9 किलोमीटर लंबी जयनगर से जनकपुरधाम-कुर्था रेलखंड पर ट्रेन का परिचालन शुरू हुआ। कुर्था से बिजलपुरा तक लगभग 18 किलोमीटर लंबे रेलखंड का भी कार्य पूरा हो चुका है। जबकि नेपाल सरकार बिजलपुरा से बर्दिबास तक 16 किलोमीटर की रेलवे लाइन जल्द ही करवा देगी।
मात्र 12.50 रुपए में पहुंच सकेंगे नेपाल
भारत से नेपाल जाने के लिए अब महज 12.50 रुपए लगेंगे। जयनगर से इनर्वा जाने का किराया 12.50 रुपए, खजुरी जाने के लिए 15.60 रुपए, महिनाथपुर जाने के लिए 21.87 रुपए, वैदेही जाने के लिए 28.125 रुपए, परवाहा जाने के लिए 34 रुपए और जनकपुर जाने के लिए 43.75 रुपए और कुर्था जाने के लिए 56.25 रुपए लगेंगे।
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