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Monday, 6 June 2022

अखिल भारतीय ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद की Gyanvapi mukti की प्रार्थना, प्रशासन ने नहीं दी मंदिर में बजरंग बाण पाठ की अनुमति

 

Gyanvapi Mosque Dispute: अखिल भारतीय ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद ने की Gyanvapi Mukti की प्रार्थना की. हालांकि प्रशासन ने अनुरोध करने पर भी नहीं दी मंदिर में हनुमान चालीसा पाठ और बजरंग बाण की परमिशन

Prayer For Gyanvapi Mukti: अखिल भारतीय ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद ( All India Gyanvapi Mukti Mahaparishad) ने 6 जून सोमवार को हनुमान जी दर्शन और सामूहिक श्री हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ किया. यह आयोजन श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ( Kashi Vishwanath Mandir Temple ) के प्रांगण में ज्ञानवापी (विवादित ढांचे से पहले) स्थित श्री हनुमान जी के दर्शन से सुबह 8 बजे से शुरू हुआ. महापरिषद के सदस्यों ने श्री हनुमान जी का दर्शन पूजन करके उनसे ज्ञानवापी की मुक्ति की प्रार्थना की. प्रशासन ने महापरिषद के लोगों को मंदिर में पाठ करने की परमिशन नहीं दी, इसलिए महापरिषद के कार्यकर्ताओं ने बुलानाला के दक्षिणमुखी हनुमानजी के समक्ष हनुमान चालीसा का पाठ करके ज्ञानवापी की मुक्ति का संकल्प लिया. 

हनुमान चालीसा पाठ से प्रशासन ने रोका

ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद  ( Gyanvapi Mukti Mahaparishad) के कार्यकर्ता विश्वनाथ मंदिर स्थित हनुमान जी के दर्शन पूजन, हनुमान चालीसा और बजरंग बाण पाठ हेतु जा रहे थे. इसी दौरान उन्हें गेट नंबर 4 पर ACP चक्रपाणि त्रिपाठी के द्वारा रोक दिया गया.मंदिर में जा रहे महापरिषद के लगभग 30 कार्यकर्ताओं को प्रशासन ने  गेट पर यह कहकर रोका  कि उनके पास मंदिर में जाने की परमिशन नहीं है. हालांकि कार्यकर्ताओं ने प्रशासन को तर्क दिया कि सोमवार को यह संख्या कोई विशेष नही है, इसलिए मंदिर में पूजन व स्त्रोत पाठ के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं जान पड़ती.

कार्यकर्ताओं के बारबार अनुरोध व तर्क देने पर भी प्रसाशन ने अनुमति न होने का हवाला देते हुए मंदिर जाने नही दिया. जबकि हनुमान जी की प्रतिमा न तो विवादित है और न ही विवादित स्थल पर है. प्रशासन के इस रवैये से महापरिषद के कार्यकर्ताओं ने बुलानाला के दक्षिणमुखी हनुमानजी के समक्ष हनुमान चालीसा का पाठ करके ज्ञानवापी की मुक्ति का संकल्प लिया. सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष राजा आनन्दज्योति सिंह ने कहा, "हम हिन्दुओं के लिए यह बहुत दुःख की बात है कि हमें अपने ही मंदिर में पूजन व पाठ के लिए रोका जा रहा है , जबकी मस्जिद में पूर्वांचल के जिलों से हजारों की संख्या में लोग आकर नमाज पढ़ रहे हैं."

उधर न्यूटन पाण्डेय ने कहा, "जिस मंदिर में कोई विवाद नही है वहां भी पूजन व पाठ के लिए अनुमति लेनी पड़े तो यह शर्म की बात है. साल 1868 में सैमुएल बॉर्न के चित्र में ज्ञानवापी में हनुमानजी का भी विग्रह था. इसकी जांच होनी चाहिए कि उन्हें किसने हटाया व कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. 

बीते सोमवार हुआ था नंदी पूजन

गौरतलब है कि कार्यकर्ताओं ने बीते सोमवार को विश्वनाथ मंदिर स्थित नन्दी जी का पूजन किया था. इस दौरान सामूहिक शिव ताण्डव का पाठ और 51 किलो की माला से अभिनन्दन किया गया था.

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