पटना के बाद अब बिहार के सभी बड़े शहरों में सीएनजी बसें चलाई जाएंगी। परिवहन विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। कई शहरों में सीएनजी स्टेशन खोले जाएंगे।
पटना के बाद अब बिहार के सभी बड़े शहरों में सीएनजी बसों को चलाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए पटना के बाहर अन्य जिलों में भी नए सीएनजी स्टेशन खोलने और पाइपलाइन विस्तार में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
सीएनजी बसें चलने से वायू प्रदूषण में कमी आएगी। डीजल बसों के मुकाबसे सीएनजी गाड़ियों के संचालन की लागत कम होती है, ऐसे में लोगों को भी कम दाम में सफर का आनंद मिलेगा।
राज्य परिवहन विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। विभाग ने पिछले दिनों सीएनजी प्रदाता गेल, आईओसीएल, थिंक गैस और आआईएजीपीएल के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की।
प्रमुख शहरों में खोले जाएंगे नए सीएनजी स्टेशन
इसमें मौजूदा सीएनजी स्टेशनों की स्थिति, नए सीएनजी स्टेशनों की स्थापना और पाइपलाइन के विस्तार की समीक्षा की गई। नए स्टेशन खुलने के बाद सीएनजी बसों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी।
परिवहन विभाग की राज्य के सभी बड़े शहरों में सीएनजी बसें चलाने की योजना है। अधिकारियों का कहना है कि प्रमुख शहरों में नए सीएनजी स्टेशन खोले जाएंगे।
जहां सीएनजी स्टेशन चल रहे हैं, वहां मांग के अनुसार सीएनजी की सप्लाई बढ़ाई जाएगी। ताकि बसों और अन्य सीएनजी वाहनों में गैस भराने के लिए किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।
सीएनजी से कम होता है प्रदूषण का खतरा
संपीड़ित प्राकृतिक गैस यानी सीएनजी ऑटो फ्यूल के लिए पेट्रोल-डीजल का एक विकल्प है। दिल्ली-मुंबई समेत देश के सभी बड़े शहरों में सार्वजनिक परिवहन सीएनजी पर आधारित है।
सीएनजी बहुत हल्की गैस होती है, इसके अवशेष वायुमंडल में तुरंत ऊपर की ओर उठ जाते हैं। इससे पेट्रोल-डीजल वाहनों के मुकाबले सीएनजी गाड़ियों से प्रदूषण बहुत कम होता है। साथ ही सीएनजी की लागत पेट्रोल और डीजल से कम होती है, इससे ग्राहकों को भी फायदा होता है।
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