UP News: इटावा में चंबल और यमुना में संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए प्रशासन अलर्ट पर है. साथ ही प्रशासन ने अभी से बाढ़ से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं.
Etawah News: इटावा में चंबल और यमुना में संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए प्रशासन अलर्ट पर है. यमुना एवं चंबल से लगे हुए 42 गांवों में विशेष निगरानी के बाद चौकियां बनाई गई हैं. पिछले वर्ष हथिनी कुंड बैराज से और कोटा बैराज से 10 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के चलते चंबल और यमुना नदी के किनारे बसे 42 गांवों में बाढ़ आई थी. पिछले कई वर्षों से हथिनी कुंड बांध और राजस्थान के कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के चलते इटावा की यमुना नदी और चंबल नदी में बाढ़ का खतरा बना रहता है जिसके चलते चंबल एवं यमुना से लगे हुए 42 गांव में बरसात के मौसम में अलर्ट जारी कर दिया जाता है.
पिछले साल 42 गांव बाढ़ से बुरी तरह हो गए थे प्रभावित
पिछले वर्ष कोटा बैराज बांध से 10 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से चंबल नदी में भयंकर बाढ़ आई थी, जिसके चलते इटावा के चकरनगर ब्लॉक के चंबल नदी से सटे हुए 11 गांव बुरी तरह से प्रभावित हुए थे. जिनमें सिन्डोस, बंसरी, गड़ाकासदा, पथर्रा, भरेह, अंदावा, कँधेसी धार, प्रमुख गाँव है जो अक्सर बाढ़ से प्रभावित हो जाते हैं. जिसको लेकर प्रशासन ने अभी से बाढ़ से निपटने के लिए इन सभी गांवों के स्कूलों में बाढ़ चौकी बना दी हैं. चंबल नदी का डेंजर पॉइंट 120.80 है जो कि पिछले वर्ष 128 मीटर को भी पार कर गया था. जिसके चलते 42 गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए थे.
बाढ़ से निपटने के पुख्ता हैं इंतजाम
बाढ़ आपदा केंद्र के प्रमुख अपरज़िलाधिकारी जयप्रकाश सिंह ने बताया कि इटावा में चंबल के कोटा बैराज और यमुना के हथिनीकुंड से अधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने के चलते इटावा में बाढ़ के हालात बन जाते हैं. अपर जिलाधिकारी ने कहा कि पिछले साल आई भयंकर बाढ़ से सबक लेते हुए इस साल अभी से बाढ़ से निपटने के इंतजाम कर दिए गए हैं. दो ब्लॉक चकरनगर और बढ़पुरा के वह सभी 42 गांव जो कि सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. उनमें तैयारी पूरी तरह से कर दी गई है. जिसमें बाढ़ आने से पहले एवं बाढ़ के दौरान जो तैयारी होनी चाहिए, उन्हें पूरा कर दिया गया है. इनमें बाढ़ चौकियां सबसे प्रमुख होती हैं उन्हें बना लिया गया है एवं वहां पर कर्मचारियों की ड्यूटी तैनात कर दी गई है. इसी के साथ स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सभी तरह की दवाइयां ग्रामीणों में वितरित करा दी गई है. पशु विभाग के द्वारा गांव में पशुओं के वैक्सीनेशन करा दिया गया है सभी 42 गांव में ऊंची जगहों को चिन्हित कर दिया गया है.
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