Jagdeep Dhankhar: जगदीप धनखड़ मूल रूप से राजस्थान के झुंझुनू से हैं, वो एक किसान परिवार से आते हैं. उनके पिता गोकुल चंद्र धनखड़ किसान थे. उनके पास राजनीति का करीब 30 वर्षों का अनुभव है.
जगदीप धनखड़ ने 11 अगस्त को भारत उपराष्ट्रपति पद की शपथ ले ली. राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. इसके साथ ही धनखड़ देश के 14वें उपराष्ट्रपति बन गए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित सभी बड़े नेता इस अवसर पर मौजूद रहे. शपथ ग्रहण करने से पहले जगदीप धनखड़ ने सुबह राजघाट जा कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. बापू के स्मारक पर जाने के बाद धनखड़ ने ट्वीट किया, "पूज्य बापू को श्रद्धांजलि देते हुए राजघाट की शांत भव्यता में भारत की सेवा में तत्पर रहने के लिए अपने आप को धन्य एवं प्रेरित महसूस किया."
बता दें 6 अगस्त को संपन्न हुए उपराष्ट्रपति के चुनाव में कुल 725 सांसद ने वोट किया था. इसमें 710 मत वैध और 15 वोट अवैध पाए गए थे. चुनाव बाद जगदीप धनखड़ को 525 और विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को महज 182 वोट मिले थे.
जगदीप धनखड़ इससे पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे. 71 वर्षीय धनखड़ राजस्थान के प्रभावशाली जाट समुदाय से आते हैं. उनकी पृष्ठभूमि समाजवादी नेता की रही है. बता दें कि इत्तेफाकन लोकसभा के अध्यक्ष (ओम बिड़ला) और राज्यसभा के सभापति एक ही राज्य के होंगे. ओम बिरला राजस्थान के कोटा संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं. उपराष्ट्रपति राज्यसभा के चेयरमैन होते हैं.
जगदीप धनखड़ मूल रूप से राजस्थान के झुंझुनू से हैं, वो एक किसान परिवार से आते हैं. उनके पिता गोकुल चंद्र धनखड़ किसान थे. उनके पास राजनीति का करीब 30 वर्षों का अनुभव है. 1989 में वह सक्रिय राजनीति उतरे थे. इससे पहले धनखड़ पेशे से वकील थे. कानून की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने वकालत शुरू कर दी थी और 1990 में राजस्थान हाईकोर्ट में वह सीनियर एडवोकेट बन गए.
गौरतलब है कि जगदीप धनखड़ पहली बार जनता दल के टिकट पर झुंझुनू से सांसद चुने गए थे. 1990 में चंद्र शेखर सरकार में उन्हें केंद्रीय मंत्री की भी जिम्मेदारी मिल चुकी है. 1993 से 98 तक धनखड़ विधायक भी रहे. केंद्र ने उन्हें 20 जुलाई 2019 को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया था.
No comments:
Post a Comment