Ram Mandir: नाग पंचमी से रामलला परिसर में पड़ा झूला, श्रद्धालुओं को होंगे भगवान के अलौकिक दर्शन - Everything Radhe Radhe

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Tuesday 2 August 2022

Ram Mandir: नाग पंचमी से रामलला परिसर में पड़ा झूला, श्रद्धालुओं को होंगे भगवान के अलौकिक दर्शन

 

Ayodhya News: सावन की पंचमी से ही रामलला के परिसर में झूला पड़ गया है. भगवान रामलला अब झूले पर सवार होकर दर्शन देंगे. उनके साथ तीनों भाई भी पूरा दिन झूले पर विराजमान रहेंगे.

Ayodhya News: भगवान रामलला (Ram Mandir) का भव्य मंदिर बन रहा है. ऐसे में राम जन्मभूमि परिसर में हर उत्सव बड़े अच्छे तरीके से मनाया जा रहा है. सावन (Sawan) के महीने की शुरुआत हो चुकी है और सावन की पंचमी (Sawan Panchami) से ही रामलला के परिसर में झूला पड़ गया है. भगवान राम लला अब झूले पर सवार होकर दर्शन देंगे. भगवान रामलला समेत उनके तीनों भाई पूरा दिन झूले पर रहेंगे. इस दरमियान मंदिर के पुजारी रामलला को झूला झूलाते रहेंगे. मंदिर में सावन के गीत और कजरी सुनाई जाएगी. ये क्रम सावन की पूर्णिमा तक जारी रहेगा. 

रामलला परिसर में पड़ा झूला 

राम नगरी की धार्मिक मान्यता है इस पावन की तृतीया से ही अयोध्या के सभी प्रमुख मठ मंदिरों के विग्रह मणि पर्वत जाते हैं. जहां पर वो झूला झूलते हैं और उसी के साथ राम नगरी के सभी मंदिरों में झूले पढ़ते हैं और सभी विग्रह अपने-अपने मंदिरों में भी अब सावन भर झूले पर सवार होंगे. इसी क्रम में भगवान राम की नगरी के भगवान के जन्म स्थल पर भी झूला पड़ गया है. रामलला अपने चारों भाइयों के साथ सावन की पंचमी पर झूले पर सवार हैं और झूलों का आनंद ले रहे हैं इस दरमियान भगवान रामलला के स्वरूप का दर्शन कर श्रद्धालु अभिभूत हो रहे हैं. 

पूर्णिमा तक मनाया जाएगा उत्सव

रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि नाग पंचमी के दिन विधि विधान से रामलला की पूजा होती है. नाग पंचमी के दिन ही रामलला को चांदी के झूले पर स्थापित किया जाता है और झूला प्रारंभ होता है. नाग पंचमी का जो पर्व होता है उसे विधि विधान से मनाया जाता है. विभिन्न प्रकार के पकवान बनते हैं पूड़ी-सब्जी, गुलगुला अनेकों प्रकार के मिष्ठान फल इन सभी का भोग लगता है. आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि रामलला का दरबार फूल माला से सजा दिया गया है. झांकी के रूप में रामलला विराजमान होंगे. सुबह से ही झूलन उत्सव प्रारंभ हो जाएगा. नाग पंचमी से लेकर पूर्णिमा रक्षाबंधन तक रामलला चांदी के झूले पर विराजमान होते हैं. 

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